Rameshwaram Temple - रामेश्वरम मंदिर की कहानी - JPEG

Rameshwaram Temple story in hindi – रामेश्वरम मंदिर की कहानी

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Rameshwaram Temple story in hindi – नमस्कार दोस्तों। एक बार फिर स्वागत है आपका हमारे इस वेबसाइट पे। दोस्तों रामेश्वरम हिन्दुओं के लिए एक अति महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है। भगवन राम से जुड़ा यह तीर्थ स्थल हजारो संख्या में रोज भक्तो को अपनी ओर आकर्षित करता है। पर दोस्तों क्या आपको श्री रामेश्वरम धाम की कहानी पता है ?

रामेश्वर तमिलनाडु राज्य के तट में स्तिथ एक छोटा सा बहुत ही सुन्दर शहर है। यह वह शहर है जहाँ पर भगवन राम ने त्रेता युग में ठहर के ध्यान किया था और भगवन शिव की पूजा की थी.

Rameshwaram Temple story in hindi

कहते हैं की जब भगवान राम रावण का वध करके और माता सीता को लेके वापस अयोध्या आ रहे थे तो वो यहाँ रुके थे।

चूंकि रावण आंशिक रूप से ब्राह्मण था , भवगान राम ने एक ब्रम्हा हत्या के दोष से मुक्ति पाने के लिए रामेश्वरम में भगवन शिव की पूजा करने का निश्चय किया था और वो यहाँ रुके थे।

रामेश्वरम में, भगवान शिव की कोई मूर्ति नहीं थी तो उन्होंने हनुमान से हिमालय से पवित्र मूर्ति लाने का अनुरोध किया।

सो हनुमान जी को कैलाश से मूर्ति लाने में देर हो रही थी और पूजा का मुहर्त निकला जा रहा था और इसीलिए माता सीता ने समुद्र के किनारे रेत से शिव लिंग बनाया और भगवान राम ने पूजा अर्चना किया।

और बाद में जब हनुमान जी हिमालय से शिव लिंग लेकर पहुंचे, तो इसे मंदिर के आसपास भी स्थापित किया गया।

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इसलिए, पवित्र मंदिर में 2 शिवलिंग हैं, एक जिसका निर्माण अत सीता द्वारा किया गया था जिसे रामलिंगम कहा जाता है और दूसरा जिसे भगवान हनुमान द्वारा कैलाश से लाये थे , जिसे विश्वलिंगम कहा जाता है।

श्री रामेश्वरम मंदिर को १२ ज्योतिर्लिंगों में से एक माना जाता है।

रामेश्वरम को मोक्ष प्राप्त करने के लिए 4 दिव्य स्थलों में से एक माना जाता है।

हिन्दुओ में 4 धामों अर्थात् बद्रीनाथ, पुरी, द्वारका और रामेश्वरम की यात्रा बहुत महत्वा रखती है। कहते हैं की इन स्थानों की यात्रा से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।

सो यह तीर्थ स्थल बहुत लोकप्रिय है क्योंकि कहा जाता है कि भगवान शिव प्रलयकाल तक यहां निवास करेंगे।

कहते हैं की भगवन राम ने भगवन शिव से यहाँ जन्म जन्मांतर तक रहने रहने का अनुरोध किया था।

आइये अब थोड़ा मंदिर के बारे में जानते हैं।

मंदिर परिसर बहुत ही बड़ा है। लगभग १५ एकर में फैला यह मंदिर बहुत ही भव्य है। मंदिर परिसर में जाने के चार दरवाजे हैं। हर दरवाजा एक भव्य गोपुरम है।

इस मंदिर में दुनिया के सबसे बड़ा गलियारा है जिसकी लंबाई 4000 फीट और यहाँ 4000 सुन्दर नक्काशी से सुशोभित स्तम्भ हैं। यहाँ पे नक्काशियों का जटिल काम और विवरण उल्लेखनीय है। रामेश्वरम अपनी नाजुक हस्त कला के लिए जाना जाता है और मंदिर इसका उत्कृष्ट उदाहरण है।

पहले विश्वलिंगम और फिर रामलिंगम की पूजा करने की परंपरा रही है और यह आज तक जारी है।

यहाँ पर २२ कुंड हैं और इन २२ कुंडों में स्नान की परंपरा है।

रामेश्वरम द्वीप में और उसके आसपास चौंसठ तीर्थ कुंड हैं। स्कंद पुराण के अनुसार, रामेश्वरम में 24 तीर्थ महत्वपूर्ण हैं और उनमें स्नान करना मोक्ष के बराबर माना जाता है।

श्री रामेश्वरम मंदिर के अंदर २२ कुंड है। और अग्नि तीर्थम मंदिर के सामने समुद्र तट पर है।

अग्नि तीर्थम से स्नान करना बहुत पवित्र माना गया है।

कहते हैं की भगवान राम ने अग्नि तीर्थम के जल में स्नान किया था और भगवान शिव के पूजा की थी। इसलिए अग्नि तीर्थम को काफी पवित्र मन जाता है।

सो अगर आप श्री रामेश्वरम की यात्रा पे है तो पहले अग्नि तीर्थम में स्नान करें फिर मंदिर के दर्शन करने जाएँ और अंत में मंदिर के अंदर उन २२ कुंड में स्नान जरूर करें।

उम्मीद करती हूँ दोस्तों की आपको हमारा यह पोस्ट Rameshwaram Temple story in hindi पसंद आयी होगी।

आपकी यात्रा मंगलमय हो !

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Lata

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